पाकिस्तान में चीनी की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक किलो चीनी की कीमत 170-180 रुपये तक पहुंच गई है। रावलपिंडी जैसे इलाकों में चीनी को लेकर झगड़े हो रहे हैं और व्यापारी हड़ताल की धमकी दे रहे हैं।
चीनी संकट और बढ़ती कीमतें
पाकिस्तान के खाद्य विभाग के अनुसार, 2024 में चीनी की खपत 603 टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023 की तुलना में 3% अधिक है।
? चीनी की अधिक खपत के बावजूद आपूर्ति में कमी बनी हुई है।
? रमजान के कारण मांग और बढ़ गई है, जिससे कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
पाकिस्तान में मधुमेह का खतरा बढ़ा
स्वास्थ्य रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में 30 मिलियन (3 करोड़) लोग मधुमेह से पीड़ित हैं।
✅ यह संख्या कुल जनसंख्या का 26% है।
✅ विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान जल्द ही मधुमेह का केंद्र बन सकता है।
चीनी की कीमतें अचानक क्यों बढ़ गईं?
? 100 टन कम चीनी की आपूर्ति हुई, जिससे बाजार में कमी आ गई।
? रमजान के दौरान मांग में उछाल आया, जिससे कीमतें नियंत्रण से बाहर हो गईं।
? काला बाजारी और जमाखोरी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
सरकार का क्या कहना है?
✅ पाकिस्तान सरकार का दावा है कि महंगाई नियंत्रण में है और स्थिति जल्द सुधर जाएगी।
✅ वित्त मंत्री के अनुसार, महंगाई दर पिछले साल के मुकाबले कम हुई है और जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
➡️ लेकिन स्थानीय लोग सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और राहत का इंतजार कर रहे हैं।
क्या पाकिस्तान में महंगाई पर लगाम लग पाएगी या आम जनता को और संघर्ष करना पड़ेगा?
यह तो आने वाला समय ही बताएगा।