अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) तेज हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 20% टैरिफ बढ़ाने के फैसले से चीन चिंतित हो गया है। इस स्थिति में, चीन अब भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।
भारत-चीन सहयोग पर जोर
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को बयान दिया कि अगर भारत और चीन प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग करें, तो वैश्विक व्यापार का संतुलन बदल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और बीजिंग को मिलकर एकाधिकार और पावर पॉलिटिक्स का सामना करना चाहिए।
"ड्रैगन और एलिफेंट को साथ में डांस करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच आर्थिक सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे वैश्विक दक्षिण (Global South) के लिए फायदेमंद होगा।
क्या भारत देगा चीन के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया?
हालांकि, भारत की तरफ से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
- भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत, चीन के साथ संबंधों में सुधार की दिशा में काम कर रहा है।
- दोनों देशों के बीच तीर्थस्थलों तक सीधी उड़ानें शुरू करने और पत्रकारों की आवाजाही पर चर्चा चल रही है।
सीमा विवाद पर चीन का नया नजरिया
वांग यी ने कहा कि पिछले एक साल में भारत-चीन संबंधों में सुधार हुआ है।
✔ सीमावर्ती इलाकों से सेनाएं हटी हैं और शांति बहाल हुई है।
✔ अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी।
✔ चीन चाहता है कि भारत, सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों का आधार न बनाए।
ट्रंप की टैरिफ नीति पर चीन का जवाब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को 20% टैरिफ लगाने का आदेश दिया।
ट्रंप का कहना है कि यह फैसला चीन से आ रही नशीली दवा फेंटानिल की आपूर्ति रोकने के लिए लिया गया है।
? इस पर चीन ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा—
"अगर अमेरिका टैरिफ युद्ध या व्यापार युद्ध चाहता है, तो हम भी पूरी तरह तैयार हैं।"
क्या भारत और चीन साथ आएंगे?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत की रणनीतिक भूमिका अहम हो सकती है।
✅ भारत को तय करना होगा कि वह अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत रखे या चीन के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाए।
✅ चीन अब भारत को व्यापारिक और कूटनीतिक सहयोग के लिए लुभाने की कोशिश कर रहा है।